PM-Kisan Bonus! मिज़ोरम के 1.3 लाख किसानों को ₹38 Cr का ट्रांसफर

Lee Chang (North East Expert)
Lee Chang (North East Expert)

केंद्र सरकार की फ्लैगशिप इनकम सपोर्ट स्कीम पीएम-किसान के 20वें इंस्टॉलमेंट में मिज़ोरम के 1.3 लाख किसानों को कुल ₹38.06 करोड़ की राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की गई।
यह राशि 2025-26 फाइनेंशियल ईयर की पहली किस्त है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से देशभर के किसानों के लिए ₹20,500 करोड़ की घोषणा के तहत जारी किया।

राज्यभर में लाइव टेलीकास्ट, आइज़ोल में मुख्य कार्यक्रम

इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण ज़िला कृषि कार्यालयों और KVKs (कृषि विज्ञान केंद्र) में किया गया।
आइज़ोल के सेलेसिह KVK में राज्य स्तरीय समारोह आयोजित हुआ, जिसमें पर्यावरण मंत्री ललथनसांगा मुख्य अतिथि थे।

उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा:

“केंद्र सरकार की मदद से मिज़ोरम के किसानों को असली सशक्तिकरण मिल रहा है। यह पैसा सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि भरोसे की गारंटी है।”

“पैसा मिल गया? अब सोच-समझकर इस्तेमाल करो” — ललथनसांगा की अपील

मंत्री ललथनसांगा ने किसानों से राशि का सदुपयोग करने की अपील करते हुए कहा कि यह योजना सिर्फ नकदी ट्रांसफर नहीं, बल्कि खेती के प्रति आत्मनिर्भरता का संकेत है।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार की प्रमुख “हैंडहोल्डिंग योजना” के दूसरे चरण के लिए ऑनलाइन आवेदन अब शुरू हो चुके हैं।

PM-Kisan: ₹6,000 सालाना, सीधे खाते में – कब, कैसे, कितना?

अगर आप भूल गए हों तो बता दें — PM-Kisan योजना के तहत पात्र किसानों को सालाना ₹6,000 तीन किस्तों में मिलता है
मिज़ोरम में इसका क्रियान्वयन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है।

इस बार मिज़ोरम में:

  • 1,31,238 किसान लाभार्थी

  • ₹38.06 करोड़ का ट्रांसफर

  • KVK, FPO और जिला प्रशासन की निगरानी में कार्यान्वयन

डिजिटल इंडिया का असली असर: गांव में भी DBT की धड़कन

इस ट्रांसफर ने न सिर्फ किसानों को राहत दी है, बल्कि यह भी दिखाया कि Digital India का असली फायदा गांव और खेतों तक पहुँच रहा है।

किसान उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी योजना की पारदर्शिता और पहुंच की सराहना की।

ये सिर्फ पैसा नहीं, भरोसे का ट्रांसफर है

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भले ही ₹2000 की किस्त देती हो, लेकिन इसके पीछे एक बड़ा मैसेज है — किसान देश की रीढ़ हैं।
मिज़ोरम जैसे राज्य में इस तरह की डिजिटल डिलीवरी सिस्टमिक बदलाव का संकेत है। लक्ष्य सिर्फ राशि देना नहीं, बल्कि खेती में सम्मान और आत्मनिर्भरता लाना है।

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